विषयवस्तु
राजीव विकास योजना – भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक विकासात्मक योजना थी, जिसका उद्देश्य ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में समग्र विकास सुनिश्चित करना था। यह योजना खासकर उन क्षेत्रों के लिए बनाई गई थी जो विकास की मुख्यधारा से पीछे रह गए थे। यह योजना राजीव गांधी के नाम पर शुरू की गई थी, जो भारत के पूर्व प्रधानमंत्री थे और जिनकी सोच थी कि विकास की रोशनी गांव-गांव तक पहुँचे।
राजीव विकास योजना के प्रमुख उद्देश्य
- समावेशी विकास: समाज के सभी वर्गों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना।
- ग्रामीण बुनियादी ढांचे का विकास: सड़कों, बिजली, पानी, स्वास्थ्य सेवाएं, और शिक्षा को बेहतर बनाना।
- गरीबी उन्मूलन: गरीब तबकों के लिए रोजगार और स्वावलंबन के साधन उपलब्ध कराना।
- स्थानीय प्रशासन को मजबूत बनाना: ग्राम पंचायतों और स्थानीय निकायों को अधिक अधिकार और संसाधन देना।
राजीव विकास योजना योजना के तहत की जाने वाली प्रमुख गतिविधियाँ
- ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों और पुलों का निर्माण।
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और स्कूलों की स्थापना और मरम्मत।
- महिलाओं और युवाओं के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण।
- स्वच्छ पेयजल और शौचालय की सुविधा का विस्तार।

राजीव विकास योजना योजना क्यों खास थी?
- यह एक “डिमांड ड्रिवन” (मांग आधारित) योजना थी, यानी जो ज़रूरतें स्थानीय लोगों ने बताईं, उसी के आधार पर काम किया गया।
- यह केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझेदारी के रूप में चलाई गई थी।
उत्तर प्रदेश में राजीव विकास योजना
राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (RGGVY) के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में “राजीव गांधी ग्रामीण विकास योजना” या “राजीव ग्राम विकास योजना” जैसी योजनाएं भी चलाई गईं, जिनका उद्देश्य था कि पिछड़े, गरीब और ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुविधाएं पहुँचाई जाएं।
हालाँकि यह केंद्र सरकार की योजना थी, लेकिन इसे राज्य सरकारों के सहयोग से लागू किया गया, और उत्तर प्रदेश में इसे विशेष ज़रूरत वाले जिलों, जैसे कि बुंदेलखंड, पूर्वांचल, और पश्चिमी यूपी के पिछड़े हिस्सों में केंद्रित किया गया।
प्रमुख उद्देश्य उत्तर प्रदेश में
- ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे का निर्माण:
- सड़कें, पुल, पेयजल योजनाएं, स्कूल और अस्पताल।
- बिजलीकरण:
- गांव-गांव में बिजली पहुँचाने का काम (RGGVY के तहत)।
- स्वास्थ्य सेवाएं और पोषण:
- स्वास्थ्य केंद्रों, जननी सुरक्षा योजना जैसी पहल से जोड़कर।
- शिक्षा और महिला सशक्तिकरण:
- लड़कियों के लिए स्कूल, छात्रावास और महिला स्व-सहायता समूहों को प्रोत्साहन।
किन जिलों में प्रमुखता से लागू हुई?
उत्तर प्रदेश में यह योजना खासकर पिछड़े और वंचित जिलों में लागू की गई थी, जैसे:
- चित्रकूट, महोबा, झांसी (बुंदेलखंड क्षेत्र)
- सोनभद्र, मिर्जापुर (पूर्वांचल)
- शामली, बागपत जैसे सीमावर्ती जिले
उपलब्धियाँ:
- कई गांवों में पहली बार बिजली पहुंची।
- स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार देखा गया।
- ग्रामीण महिलाओं को स्व-सहायता समूहों के ज़रिए आजीविका मिली।
- सड़कों और नालियों का निर्माण तेजी से हुआ।
वर्तमान स्थिति:
वर्ष 2014 के बाद इस योजना को अन्य योजनाओं जैसे:
- दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (DDUGJY)
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY)
- स्मार्ट ग्राम योजना में विलय कर दिया गया या उसका नाम बदलकर नए ढंग से लागू किया गया।
यहांं तक पढने के लिए आपका शुक्रिया, हम पुरी तरह से कोशिश करते है की प्रत्येक लेख मे कोई गलती न हो उसके बाद भी कोई गलती होती हैं तो हम आपसे उस गलती के लिए माफी मांगते है। कृप्या आप इस प्रकरण में हमे अवगत करें जिससे हम उसे जल्द से जल्द सुधार कर सकें। तब तक के लिए आप अपना ख्याल रखें और अपने आस-पास ऐसे माहौल बनायें की महिलायें अपने आपको सुरक्षित महशुस करें,धन्यवाद।
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