PM Krishi Sinchai Yojana– नमस्कार दोस्तों आज हम एक बार फिर आप सभी का आपके अपने पोस्ट मे स्वागत करते है आज हम जिस योजना की बात करेंगे वो अपने आप मे ही सबसे अहम और हमारे लिए महत्वपुर्ण है। तो चलिए फिर शुरु करते है बिल्कुल शुरुवात से।
विषयवस्तु
आज हम जिस ग्रह पे रहते है उस ग्रह को नीला ग्रह कहते है यानी इसका नाम युही नही रखा गया है हमारे ग्रह पे 2/3 हिस्सा पानी ही है और ऊपर से हमारे देश यानी भारत को मानसून का देश कहते है यानी एक तरह से देखा जाये तो यहा पे पानी की कोई कमी नही होनी चाहिये लेकिन ऐसा नही है ना ही हमारे देश मे और ना ही पुरे पृथ्वि पे।
अकसर अखबारो मे कही ना कही हमे पढने को मिल हि जाता है की इस देश मे सुखे का रेकार्ड 20 सालो का तोड दिया वैगरह वैगरह। खैर आज हम इस बात पे चर्चा नही करेंगे की कहाँ सुखा पड रहा है और कहाँ बाढ आ रही है आज हम अपनी योजना जो प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना है इसके बारे मे बात करेंगे क्योकी यह योजना भी कही ना कहीं इसी समस्या को दुर करने के लिए सरकार द्वारा लायी गयी है। तो चलिए इस योजन को जानते है की यह योजना क्या है और इसका लाभ कौन और किस तरह से ले सकते है।
एक नज़र में-
योजना का नाम | प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना | PM Krishi Sinchai Yojana |
शुरु हुआ | 2015-16 |
किसने शुरु किया | पीएम द्वारा |
योजना का प्रकार | केंद्रिय सरकार |
आधिकारिक वेबसाईट | pmksy.gov.in |
क्या है यह योजना?
PM Krishi Sinchai Yojana– इसे वर्ष 2015-16 के दौरान खेत में सिंचाई के लिए पानी की भौतिक पहुंच बढ़ाने और सुनिश्चित खेती योग्य क्षेत्र का विस्तार करने, खेत में पानी के उपयोग की क्षमता में सुधार करने, स्थायी जल संरक्षण तरीकों को शुरू करने के लिए शुरू की गई थी। यह एक व्यापक योजना है, जिसमें दो प्रमुख घटक,
- त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (एआईबीपी),
- हर खेत को पानी (एचकेकेपी)
शामिल हैं इसके अलावा, इस योजना में वाटरशेड विकास घटक भी शामिल है । साथ ही प्रति बूंद अधिक फसल को भी चलाया जा रहा था जिसे बाद मे अलग कर दिया गया।
योजना के मुख्य उद्देश्य
अब हम जानते है की इस योजना के उद्देश्य क्या है आखिर इसको लाने के पीछे सरकार का क्या सोच थी
- जलाशयों का व्यापक सुधार और जीर्णोद्धार जिससे जमीनी टैंक भंडारण क्षमता में वृद्धि हो
- भूजल पुनर्भरण।
- पीने के पानी की उपलब्धता में वृद्धि।
- कृषि/बागवानी उत्पादकता में सुधार।
- टैंक कमानों के जलग्रहण क्षेत्रों में सुधार।
- बेहतर जल उपयोग दक्षता के माध्यम से पर्यावरणीय लाभ; सतह और भूजल के संयुक्त उपयोग को बढ़ावा देकर।
- प्रत्येक जल निकाय के स्थायी प्रबंधन के लिए सामुदायिक भागीदारी और स्वावलंबी प्रणाली।
योजना का लाभ
- किसान के पास स्वयं की भूमि या सात वर्षों का लीज का भूमि होनी चाहिए
- ड्रिप सिंचाई के लिए कम से कम पांच एकड़ या अधिक से अधिक 12.5 एकड़ रकबा
- स्प्रिंकलर सिंचाई के लिए कम से कम एक एकड़ और अधिकतम पांच एकड़ रकबा
- छोटे किसान योजना का लाभ समूह में ले सकते है
- आवेदक के पास जल स्रोत होना आवश्यक है
यहांं तक पढने के लिए आपका शुक्रिया, हम पुरी तरह से कोशिश करते है की प्रत्येक लेख मे कोई गलती न हो उसके बाद भी कोई गलती होती हैं तो हम आपसे उस गलती के लिए माफी मांगते है। कृप्या आप इस प्रकरण में हमे अवगत करें जिससे हम उसे जल्द से जल्द सुधार कर सकें। तब तक के लिए आप अपना ख्याल रखें और अपने आस-पास ऐसे माहौल बनायें की महिलायें अपने आपको सुरक्षित महशुस करें,धन्यवाद।
kumar gaurav sir ki current affairs ki class notes ke liye click here
इन्हे भी पढे-