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Kerala jyothi yojana

Kerala jyothi yojana ज्योति योजना क्या है?

Kerala jyothi yojana- केरल सरकार ने मई 2025 में ‘ज्योति योजना’ (Jyothi Scheme) शुरू की है, जिसका उद्देश्य राज्य में रहने वाले प्रवासी श्रमिकों के बच्चों को औपचारिक शिक्षा प्रणाली में शामिल करना है। यह योजना शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक समावेशन के माध्यम से इन बच्चों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने का प्रयास करती है। जैसा कि हमने इस योजना के बारे में थोड़ा बहुत जानकारी पहले ही दे दिए है तो चलिए अब जानते है कि यह योजना का मूल उद्देश्य क्या है

Kerala jyothi yojana का उद्देश्य

  • शिक्षा में समावेशन: प्रवासी श्रमिकों के बच्चों को आंगनवाड़ियों और सरकारी स्कूलों में नामांकित करना।
  • शैक्षिक निरंतरता: मौसमी प्रवास के बावजूद बच्चों की शिक्षा में निरंतरता बनाए रखना।
  • समावेशी विकास: शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाएं, सांस्कृतिक समावेशन और मनोरंजन सुविधाएं प्रदान करना।

Kerala jyothi yojana से लाभांवित वर्ग

  • 3 से 6 वर्ष के बच्चे: इन बच्चों को आंगनवाड़ियों में नामांकित किया जाएगा।
  • 6 वर्ष और उससे अधिक आयु के बच्चे: इन्हें सरकारी स्कूलों में दाखिला दिया जाएगा।

कार्यान्वयन प्रक्रिया

  • स्थानीय निकायों और गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से: योजना का कार्यान्वयन स्थानीय निकायों और NGOs के साथ मिलकर किया जाएगा।
  • शिक्षकों का प्रशिक्षण: प्रवासी बच्चों की विशेष आवश्यकताओं को समझने के लिए शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
  • मूल्यांकन और निगरानी: योजना की प्रभावशीलता का मूल्यांकन और नियमित निगरानी की जाएगी।

सहायक उपाय

  • स्वास्थ्य जांच और चिकित्सा शिविर: बच्चों के स्वास्थ्य की नियमित जांच और आवश्यक चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
  • स्वच्छता शिक्षा और नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ जागरूकता: बच्चों को स्वच्छता के महत्व और नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरों के बारे में जागरूक किया जाएगा।

क्या होगी शैक्षिक रणनीति

  • SCERT द्वारा अनुकूलित पाठ्यक्रम का विकास: राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) द्वारा प्रवासी बच्चों की आवश्यकताओं के अनुसार पाठ्यक्रम विकसित किया जाएगा।
  • सांस्कृतिक समावेश और भाषा अंतराल को पाटने पर ध्यान: बच्चों की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि और भाषा की विविधता को ध्यान में रखते हुए शिक्षण सामग्री तैयार की जाएगी।

अब अंत में जान लेते है कि इस योजना को लाने का मूल उद्देश्य क्या है।

  • प्रवासी श्रमिकों की संख्या: केरल में 35 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक रहते हैं, जिनमें से कई अपने परिवारों के साथ हैं।
  • पूर्ववर्ती योजनाएं: ‘रोशनी’ प्रोजेक्ट जैसे प्रयासों के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों को सामाजिक और शैक्षिक सेवाएं प्रदान की गई थीं।
यहांं तक पढने के लिए आपका शुक्रिया, हम पुरी तरह से कोशिश करते है की प्रत्येक लेख मे कोई गलती न हो उसके बाद भी कोई गलती होती हैं तो हम आपसे उस गलती के लिए माफी मांगते है। कृप्या आप इस प्रकरण में हमे अवगत करें जिससे हम उसे जल्द से जल्द सुधार कर सकें। तब तक के लिए आप अपना ख्याल रखें और अपने आस-पास ऐसे माहौल बनायें की महिलायें अपने आपको सुरक्षित महशुस करें,धन्यवाद।

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