विषयवस्तु
Untold story – नेताजी- सुभाष चंद्र बोस के जीवन से जुड़ी कई ऐसी बातें हैं जो कम लोग जानते हैं, लेकिन बहुत ही रोचक और प्रेरणादायक हैं:

1. ICS छोड़कर देश की सेवा चुनी Untold story – नेताजी
- सुभाष चंद्र बोस ने 1920 में Indian Civil Services (ICS) की परीक्षा ब्रिटेन में पास की थी और चौथे स्थान पर आए थे।
- मगर उन्हें अंग्रेजों की गुलामी मंज़ूर नहीं थी, इसलिए उन्होंने नौकरी को ठुकरा दिया और “देश सेवा ही मेरा धर्म है” कहते हुए भारत लौट आए।
2. हिटलर से की थी मुलाकात Untold story – नेताजी
- बहुत कम लोग जानते हैं कि नेताजी ने 1942 में बर्लिन जाकर हिटलर से मुलाकात की थी।
- उनका मकसद था कि जर्मनी भारत की आज़ादी में मदद करे।
- हालांकि, हिटलर से उनकी विचारधारा बहुत अलग थी, लेकिन आज़ादी की लड़ाई में कोई भी रास्ता वो अपनाने को तैयार थे।
3. “जय हिंद” और “दिल्ली चलो” का नारा
- “जय हिंद” – आज जो देश का राष्ट्रीय नारा बन चुका है, वो सबसे पहले INA (आजाद हिंद फौज) में बोस ने ही शुरू किया था।
- “दिल्ली चलो!” – उनका जोशीला नारा था, जो ब्रिटिश सत्ता को चुनौती देने वाला था।
4. जापान की मदद से बनाई थी आजाद हिंद फौज
- उन्होंने ब्रिटिश सेना के कैद भारतीय सैनिकों को जापान की मदद से आज़ाद कराया और “आजाद हिंद फौज” बनाई।
- ये फौज 1944 में कोहिमा और इम्फाल तक पहुँच गई थी।
5. उनकी मृत्यु आज भी रहस्य है Untold story – नेताजी
- 18 अगस्त 1945 को ताइवान में विमान दुर्घटना में उनकी मौत की खबर आई थी।
- लेकिन आज तक उनके मौत की पुष्टि नहीं हो सकी, और कई मानते हैं कि वो जीवित थे और गुमनामी में जीवन बिता रहे थे।
- “गुमनामी बाबा” के नाम से एक रहस्यमय व्यक्ति के बारे में कई लोग दावा करते हैं कि वो सुभाष ही थे।
6. भगिनी निवेदिता से थे प्रभावित
- सुभाष चंद्र बोस स्वामी विवेकानंद और भगिनी निवेदिता के बहुत बड़े अनुयायी थे।
- उनका व्यक्तित्व, देशप्रेम और साहस इनसे ही प्रेरित था।
आइए अब हम फिर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जापान यात्रा, रेडियो भाषण और गुमनामी बाबा के रहस्य को विस्तार से जानते हैं — ये तीनों पहलू रहस्यमय और प्रेरणादायक हैं, तो क्या आप तैयार है मेरे साथ Untold story में जानने के उद्देश्य से।
1. जापान यात्रा और आज़ाद हिंद फौज की वापसी
- 1941 में नेताजी अंग्रेज़ों की नज़रबंदी में थे।
- उन्होंने भेष बदलकर कोलकाता से भाग निकला और अफगानिस्तान के रास्ते जर्मनी पहुँचे।
- वहाँ से उन्होंने जर्मनी में “फ्री इंडिया सेंटर” और “आजाद हिंद रेडियो” की शुरुआत की।
- फिर 1943 में, जर्मन पनडुब्बी (U-Boat) से जापान की पनडुब्बी में ट्रांसफर हुए — यह इतिहास में एकमात्र पनडुब्बी से पनडुब्बी यात्रा मानी जाती है जो दो विरोधी देशों (Axis Powers) के बीच हुई थी।
- जापान में उन्होंने रास बिहारी बोस से संपर्क किया और “आजाद हिंद फौज” की कमान अपने हाथ में ली।
- उन्होंने “इंफाल और कोहिमा” के मोर्चे पर ब्रिटिश सेना के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
2. रेडियो टोक्यो से दिए गए भाषण
- नेताजी ने जापान से “रेडियो टोक्यो” और “आजाद हिंद रेडियो” के माध्यम से भारतीयों को जोशीले भाषण दिए।
- उनका सबसे प्रसिद्ध संदेश था: “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा!”
- उनके भाषण इतने प्रेरणादायक थे कि देशभक्ति की लहर गांव-गांव तक फैल गई।
- उन्होंने कई बार कहा कि: “भारत की आज़ादी केवल अहिंसा से नहीं मिलेगी, बलिदान देना होगा।”
3. गुमनामी बाबा – Untold story – नेताजी रहस्य जो अब भी जिंदा है
2016 में मोदी सरकार ने नेताजी से जुड़ी 300 से ज्यादा फाइलें सार्वजनिक कीं, पर रहस्य अब भी बना हुआ है।
1945 में ताइवान में विमान हादसे की खबर के बाद भी, उनकी मौत कभी प्रमाणित नहीं हो पाई।
इसके बाद उत्तर प्रदेश के फैजाबाद (अब अयोध्या) में एक रहस्यमय बाबा दशकों तक गुप्त जीवन जीते रहे — जिनका नाम था “गुमनामी बाबा”।
कई चश्मदीद गवाह, पत्रकार और शोधकर्ताओं का मानना है कि वो बाबा सुभाष चंद्र बोस ही थे, क्योंकि:
उनकी लिखावट नेताजी से मिलती थी।
उनके पास नेताजी से जुड़े कई सामान थे – जैसे आईएनए की टोपी, विदेशी रेडियो, जर्मन घड़ी, सुभाष की फोटो, आदि।
उन्होंने कभी अपना असली नाम नहीं बताया।
मृत्यु के बाद उनके सामान को सील कर दिया गया।
मुकुल डे, अनुज धर, और चंद्रचूड़ घोष जैसे शोधकर्ताओं ने इस रहस्य पर कई किताबें भी लिखी हैं। इस तरह से उनके जीवन के बहुत सारे अनकही बातें है अगर आप उनके बारे में जानने की चाह रखते है तो हम इसका दूसरा भाग भी ला सकते है।
यहांं तक पढने के लिए आपका शुक्रिया, हम पुरी तरह से कोशिश करते है की प्रत्येक लेख मे कोई गलती न हो उसके बाद भी कोई गलती होती हैं तो हम आपसे उस गलती के लिए माफी मांगते है। कृप्या आप इस प्रकरण में हमे अवगत करें जिससे हम उसे जल्द से जल्द सुधार कर सकें। तब तक के लिए आप अपना ख्याल रखें और अपने आस-पास ऐसे माहौल बनायें की महिलायें अपने आपको सुरक्षित महशुस करें,धन्यवाद।
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